रायपुर: सपने उन्हीं के सच होते हैं, जिनमें उन्हें पूरा करने की हिम्मत होती है। यह उक्ति ग्राम बदरा(ठा) के विश्वनाथ यादव पर पूरी तरह से लागू होती है। कभी साधारण चरवाहे रहे श्री यादव आज एक सफल डेयरी उद्यमी के रूप में प्रतिष्ठित हो चुके हैं।

वर्ष 2016-17 में श्री यादव के पास सिर्फ 1.5 एकड़ भूमि थी, जिसमें उनका पैतृक निवास भी शामिल था। वे पारंपरिक रूप से 1-2 देशी गाय पालकर प्रतिदिन 3-4 लीटर दूध बेचते थे, जिससे उनके परिवार का गुजारा मुश्किल से चलता था। लेकिन उनके जीवन में राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना ने नया मोड़ ला दिया।पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के उपसंचालक डॉ. आर. एम. त्रिपाठी ने बताया कि श्री यादव ने राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत बैंक से 12 लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया और अपने डेयरी व्यवसाय की नींव रखी। श्री यादव ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने सिर्फ गायों तक सीमित न रहते हुए भैंसों को भी डेयरी में शामिल किया, जिससे दूध उत्पादन में भारी वृद्धि हुई। 

आज श्री यादव के पास 26 गायें और 50 भैंसें हैं, जो प्रतिदिन 150 लीटर दूध देती हैं। उनका भैंस का दूध बाजार में 60 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकता है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है। इसके अलावा, वे भैंस के बच्चे (कलोर) तैयार कर भी अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक भैंस 1.6 लाख रुपये में बेची, जिससे उनके व्यवसाय की मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है।

श्री यादव ने कड़ी मेहनत और सही रणनीति से अपना बैंक ऋण भी समय पर चुका दिया और अब बिना किसी कर्ज के अपनी डेयरी का विस्तार कर रहे हैं। डेयरी व्यवसाय से हुई आय से श्री यादव ने 4.5 एकड़ अतिरिक्त भूमि खरीदी, डेयरी शेड व पक्का मकान बनवाया, खेती के लिए ट्रैक्टर खरीदा और दूध परिवहन के लिए मोटरसाइकिल ली। आज वे न केवल एक सम्पन्न किसान हैं, बल्कि क्षेत्र के प्रमुख डेयरी उद्यमी भी बन चुके हैं। 

श्री यादव की सफलता से प्रेरित होकर क्षेत्र के कई अन्य युवा भी डेयरी व्यवसाय की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उनकी कहानी बताती है कि सही मार्गदर्शन, मेहनत और संकल्प से कोई भी व्यक्ति अपनी तकदीर बदल सकता है।

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