बलरामपुर: शासन द्वारा संचालित चिरायु योजना बच्चों के लिए एक वरदान है। इस योजनांतर्गत चिन्हांकित जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का निःशुल्क इलाज बड़े-बड़े अस्पतालों में किया जाता है। जिला बलरामपुर-रामानुजगंज में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजनांतर्गत जिले में अनेक बच्चों का इलाज निःशुल्क किया गया है तथा बच्चें स्वस्थ होकर आम बच्चों की तरह अपना जीवन जी रहे हैं। विकासखण्ड वाड्रफनगर के पेण्डारी गांव की 14 वर्षीय बच्ची विमला जो जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थी, स्वास्थ्य विभाग ने विमला को चिन्हांकित कर चिरायु योजनांतर्गत इलाज हेतु बड़े अस्पताल सत्य साईं अस्पताल रायपुर में भेजा जहां विमला का बेहतर ढ़ंग से किया गया और वह पूर्ण रूप स्वस्थ होकर वापस अपने घर आ गई है। विमला और उसके पिता ने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के इस सहयोग के लिए कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर धन्यवाद दिया। कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. एवं पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग ने बच्ची से बड़ी आत्मीयता से मिले और बात की। उन्होंने बच्ची से उसके स्कूल के बारे में पूछा तथा बच्ची का एडमिशन स्वामी आत्मानंद स्कूल वाड्रफनगर में कराने की बात कही। विमला के पिता ने कहा कि बेटी का इलाज पूर्ण रूप से हो जाने से वह बहुत खुश है। विमला के पिता ने बताया कि इलाज से पहले मेरी बेटी विमला बहुत जल्दी थक जाती थी पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेरी बेटी अब स्वस्थ है। इसी प्रकार वाड्रफनगर के ही ग्राम पशुपतिपुर निवासी रामदास की तीन वर्ष की बेटी राजमति नाक के गठान से बहुत परेशान थी, जिसका इलाज जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से रायपुर स्थित डी.के.एस. अस्पताल में हुआ। राजमति अब पहले की अपेक्षा स्वस्थ है और उसका इलाज बीच-बीच में होता रहता है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को बच्चे का पूरा इलाज कराने को कहा। कलेक्टर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से चिरायु योजना की पूरी जानकारी ली।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह, कार्यक्रम प्रबंधक गणपत नायक, जिला सलाहकार दिव्य किशोर गुप्ता, चिरायु टीम के डॉ. धन्नजय गुप्ता उपस्थित थे।