अंबिकापुर: बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं अनुसंधान विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का रा.गा. शासकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अम्बिकापुर में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आई क्यू ए सी सेल तथा विधि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट एण्ड इनोवेशन विषय पर आयोजित कार्यशाला के प्रथम दिवस आज दिनांक 09.01.2024 को उद्घाटन सत्र के साथ दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डॉक्टर एस के त्रिपाठी, पूर्व प्राचार्य एवं क्षेत्रीय अपर संचालक उच्च शिक्षा सरगुजा उपस्थित थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर रामकुमार मिश्र, प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय सिलफिली उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य एवं क्षेत्रीय अपर संचालक डॉक्टर रिजवान उल्ला ने की।

मुख्य अतिथि डॉक्टर एस के त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के युग में बौद्धिक संपदा का महत्व बहुत बढ़ गया है तथा यह संपदा ऐसी संपदा है जिसे हम अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को सौंप सकते हैं क्योंकि हम रहें या ना रहें पर बौद्धिक सम्पदा हमेशा रहेगी।डॉक्टर रामकुमार मिश्र ने आज के परिप्रेक्ष्य में बौद्धिक अधिकार की भूमिका बताते हुए कहा कि बौद्धिक संपदा सबसे मूल्यवान संपत्ति है क्योंकि यह मानवीय विकास को गति देने वाले तकनीकी नवाचार को पुरस्कृत करती है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉक्टर रिजवान उल्ला ने वैश्विक स्तर पर बौद्धिक सम्पदा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पेटेंट औद्योगिक डिजाइन कॉपीराइट ट्रेडमार्क तथा भौगोलिक संकेतक ऐसे आयाम है जो बौद्धिक संपदा के प्रकारों में जाने जाते हैं।

इस उद्घाटन कार्यक्रम में कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ डॉक्टर राजू मांझी बी एच यू, डॉक्टर सुधीर चतुर्वेदी गढ़वाल विश्वविद्यालय, डॉक्टर राघवेश पाण्डेय बालोद, राजमोहिनी देवी कन्या पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर खालिद हुसैन, महाविद्यालय के आईक्यूएसी प्रभारी एवं कार्यशाला के संयोजक डॉक्टर अनिल सिन्हा, स्वशासी सेल के डॉक्टर राजकमल मिश्र, डॉक्टर एस के श्रीवास्तव, डॉ रमेश जायसवाल कार्यशाला के सचिव प्रोफेसर बृजेश कुमार ,डॉक्टर एस.एन. पाण्डेय मंचस्थ थे।कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ डॉक्टर राजू मांझी प्राध्यापक विधि संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने बौद्धिक सम्पदा अधिकार का प्रतिलिप्याधिकार (कॉपीराईट) के विशेष संदर्भ में व्याख्यान प्रस्तुत किया। विधि विभाग के प्राध्यापक श्माधवेंद्र तिवारी ने विषय विशेषज्ञ का स्वागत किया एवं परिचय कराया। संचालन डॉक्टर दीपक सिंह एवं रिपोर्टिंग डॉक्टर तरुण राय ने की।

द्वितीय तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ डॉक्टर सुधीर चतुर्वेदी प्राध्यापक गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भौगोलिक संकेत पर जानकारी प्रदान की। द्वितीय सत्र संचालन डॉक्टर अजयपाल सिंह , पंकज अहिरवार ,पूनम सोनवानी ने संचालन एवं रिपोर्टिंग की देव प्रकाश दूबे ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सत्र का सारांश प्रस्तुत किया। कार्यशाला संचालन मेंतकनीकी सहयोग चेतनकुमार, शशांक विश्वकर्मा, प्रिया पाण्डेय, अनुभव श्रीवास्तव, सर्वेश पाण्डेय, पीयूष त्रिपाठी ने दिया।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, , अतिथि व्याख्याता एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे। ब्लैंडेड मोड पर आधारित इस कार्यशाला में लगभग डेढ़ सौ प्राध्यापक, शोध छात्र एवं स्नातकोत्तर छात्र देश के विभिन्न क्षेत्रों से ऑनलाइन भी जुड़े हुए थे।

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