भारत की तीनों सेनाओं में भर्ती होने वाले अग्निवीरों को चार साल बाद सेवा मुक्त होने पर केंद्र और राज्य सरकारों की नौकरियों में आरक्षण मिलेगा. अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का वादा कई राज्यों ने किया है. इसमें अब जम्मू-कश्मीर का नाम भी शामिल हो गया है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि राज्य पुलिस में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.

बता दें कि रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने विभिन्न नौकरियों में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान पहले ही किया था. इसमें इंडियन कोस्ट गार्ड, डिफेंस पीएसयू, सीएपीएफ और असम राइफल्स शामिल हैं. आइए जानते हैं, किन-किन राज्यों ने पुलिस भर्ती व अन्य नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की है.

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जून को ट्वीट करके कहा था कि अग्निवीरों को प्रदेश पुलिस और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान की जाएगी. हालांकि कितना आरक्षण मिलेगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भारतीय सेना से सेवामुक्त होने वाले अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है. हालांकि यूपी की तरह एमपी सरकार ने भी अभी तक यह नहीं बताया है कि अग्निवीरों को कितना आरक्षण मिलेगा.

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण देने का ऐलान किया है. लेकिन आरक्षण कोटे की घोषणा नहीं की है. उन्होंने 21 जून को ट्वीट करके कहा था, ”मैं घोषणा करता हूँ कि ‘अग्निपथ योजना’ के तहत 4 वर्ष देश की सेवा करने के बाद वापिस आने वाले अग्निवीरों को गारंटी के साथ हरियाणा सरकार में नौकरी दी जाएगी.”

उत्तराखंड

यूपी, एमपी और हरियाणा की तरह उत्तरखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी राज्य की पुलिस भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है. उन्होंने 15 जून को ट्वीट किया था, ”अग्निपथ योजना के अंतर्गत मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को राज्य सरकार

असम

असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा सरमा ने भी ऐलान किया है कि जो अग्निवीर सेवामुक्त होकर आएंगे उन्हें असम आरोग्य निधि पहल में प्राथमिकता दी जाएगी.

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