बिलासपुर: इस समय बिलासपुर शहर पुरी तरह से ऑटो मोड में चल रहा है जनता ने सोचा बदलाव लाएंगे तो हो सकता है शहर का विकास होगा,बेरोजगारो को रोजगार मिलेगा,स्वास्थ्य की सुविधाएं बढ़ेगी,आम समस्याओं से निजात मिलेगी रोड ,नाली ,पानी की समस्या पूर्व की तरह नही रहेगी लेकिन ऐसा बदलाव के बाद भी कुछ होता दिखाई नही दे रहा है बल्कि शहर इस समय आटो मोड़ में चला गया है क्योंकि शहर के हर चोक चौराहों की नुक्कड़ सभाओं में ये बात सुनने को मिल रही है कि विधायक शैलेश अपने आपको लाचार,बेबस साबित करने में लगे कि मेरी कोई नही सुनता इस बेबसी ओर लाचारी से जनता को कोई लेना देना नही उन्होंने आपको काबिलियत के आधार पर वोट दिया था कि एक शिक्षाविद अच्छी सोच का व्यक्ति विधायक बनेगा तो शहर का विकास होगा लेकिन जनता अब इसे ठगा महसूस कर रही है जैसा उन्होंने सोचा था वैसा इन तीन वर्षों में कही होता नही दिखाई दिया बल्कि शहर का विकास जैसे रुक सा गया हो ।
बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय इन तीन वर्षो में मीडिया फोबिया से बाहर नही निकल पाये है उन्हें लगता है मीडिया में घोषणा करने से शहर का विकास हो जाएगा लेकिन सच्चाई इस बात से कोसो दूर है शहर के विकास के लिए जमीनी स्तर पर संघर्ष करना पड़ता है जो विधायक की कार्यशैली में कही दिखाई नही दे रहा है अभी तक के कार्यकाल को देख जाए तो विधायक ने सिर्फ कागजों में घोषणा की लेकिन वो घोषणाएं कितनी पूरी हुई ये जांच का विषय है आखिर विधायक कब जमीनी स्तर पर कार्य करने उतरेंगे या जनता के बीच बेचारा लाचार बनके फिर से जनता के दिल मे जगह बनाने की कोशिश करते रहेगें जिससे उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकिट मिली तो जनता उन्हें फिर से मौका दे?