श्रद्धालु अब बिना चिन्ता के कर सकते हैं पूजा-अर्चना
बलरामपुर: वाड्रफनगर के ग्राम मानपुर क्षेत्र में स्थित बाबा बच्छराजकुंवर धाम में विगत कई वर्षों से आदिवासी समुदाय के बैगा पुजारियों द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार पूजा-अर्चना किया जाता रहा है, साथ ही वहां पर बलिप्रथा पुजारियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है। बच्छराजकुंवर धाम में बलि प्रथा प्रचलित होने के कारण 02 अप्रैल से आयोजित होने वाले रामकथा के वाचन को लेकर पारंपरिक बाबा बच्छराजकुंवर बैगा समिति द्वारा विरोध कर उक्त आयोजन अन्यत्र कराने का मांग किया गया था। इस आयोजन के संबंध में अनुभाग स्तर पर प्रशासन द्वारा दोनों पक्षों का बैठक लेकर समस्या का निराकरण करने का प्रयास किया गया साथ ही शांति समिति की बैठक कर दोनों पक्षों से चर्चा की गई थी, परन्तु दोनों पक्षों के मध्य सहमति नहीं बन पाई।
इस संबंध में पुनः 31 मार्च को कलेक्टर कुन्दन कुमार एवं पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू द्वारा दोनों समुदाय के सदस्यों से चर्चा किया गया। चर्चा पश्चात् रामकथा आयोजक पक्ष द्वारा वर्तमान में रामकथा आयोजन हेतु चयनित स्थल को अन्यत्र करने का उभय पक्षों के मध्य सर्व सहमति बनी तथा रामकथा का आयोजन दूसरे जगह पर करने का निर्णय लिया गया। रामकथा आयोजन समिति द्वारा बच्छराजकुंवर धाम परिसर में रामकथा आयोजन करने हेतु टेन्ट-पण्डाल लगाया गया, जिसका आदिवासी समुदाय द्वारा मौके पर विरोध किया गया। 01 अप्रैल को जिला प्रशासन के अधिकारी अपर कलेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा बैठक में की गई चर्चा अनुसार रामकथा का आयोजन अन्यत्र करने हेतु हर संभव प्रयास किया गया लेकिन मौके पर सर्व सहमति नहीं मिल पायी, जिससे टेन्ट पण्डाल के मालिक द्वारा अपना टेन्ट पण्डाल हटा दिया गया। तनावपूर्ण स्थिति एवं किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसे देखते हुए धाम स्थल पर कार्यपालिक दण्डाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है एवं पर्याप्त पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है तथा वर्तमान स्थिति समान्य एवं नियंत्रित है। जिला प्रशासन के सुझबुझ एवं अथक प्रयास से बच्छराजकुंवर धाम में शांति व्यवस्था कायम है, श्रद्धालु अब बिना किसी चिन्ता के बच्छराजकुंवर धाम में पूजा-अर्चना कर सकते हैं।