कोरबा। एनटीपीसी प्रबंधन ने अपने धनरास राखड़ बांध को खुद तोड़ा था। अगर राखड़ बांध को नहीं तोड़ा जाता तो उसके फूटने का खतरा था, जिसे ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी प्रबंधन को यह कदम उठाना पड़ा। इस बात का खुलासा कंपनी प्रबंधन ने किया है। पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जिले को तरबदर कर दिया है। कई बस्तियों में पानी घुस गया है, वहीं नदी-नाले उफान पर नजर आ रहे हैं। लगातार हो रही बारिश की वजह से एनटीपीसी का धनरास राखड़ बांध भी लबालब हो गया था, जिससे अगर नहीं तोड़ा जाता तो कभी भी टूट भी सकता था। इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए एनटीपीसी प्रबंधन ने बांध तो तोड़ने का फैसला लिया।
एनटीपीसी प्रबंधन ने अपने धनरास राखड़ बांध को खुद तोड़ा था। अगर राखड़ बांध को नहीं तोड़ा जाता तो उसके फूटने का खतरा था, जिसे ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी प्रबंधन को यह कदम उठाना पड़ा। इस बात का खुलासा कंपनी प्रबंधन ने किया है। पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जिले को तरबदर कर दिया है। कई बस्तियों में पानी घुस गया है, वहीं नदी-नाले उफान पर नजर आ रहे हैं। लगातार हो रही बारिश की वजह से एनटीपीसी का धनरास राखड़ बांध भी लबालब हो गया था, जिससे अगर नहीं तोड़ा जाता तो कभी भी टूट भी सकता था। इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए एनटीपीसी प्रबंधन ने बांध तो तोड़ने का फैसला लिया. देर रात घटी इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। इस बात की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई, तब मौके पर पहुंचकर उन्होंने घटनाक्रम की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि डेम के आसपास के 40 एकड़ खेत में राखड़ बह गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
प्रबंधन बोला- तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित
एनटीपीसी के जनसंपर्क अधिकारी ऊष्मा घोष ने बताया कि एनटीपीसी कोरबा का धनरास राखड़ तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। अत्यधिक वर्षा से उत्पन्न आपातकाल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राखड़ बांध को क्षति से बचाने हेतु पुनर्निर्धारित मार्ग से पानी को निकाला गया, जिसका कुछ हिस्सा नीचे मौजूद ग्रामीणों के खेतों में भी गया है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी के अधिकारी प्रतिदिन राखड़ तटबंध में मौजूद रहते हैं।घटना के समय भी राखड़ बांध में एनटीपीसी के सभी छह अधिकारी मौजूद थे। एनटीपीसी प्रबंधन राखड़ बांध के चारों तरफ रहने वाले परियोजना प्रभावित परिवारों के सभी हितों की रक्षा के लिए सतत प्रतिबद्ध है।जानकारी के अनुसार एनटीपीसी प्रबंधन राखड़ बांध को सुरक्षा की दृष्टि से तोड़ने की जानकारी जिला प्रशासन को भी नही दी। जबकि प्रशासन के संज्ञान में उक्त बातें आनी चाहिए थी।