बलरामपुर: शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा व बाड़ी योजना का संचालन प्रदेश भर में समूचित ढंग से किया जा रहा है, इस योजना की एक घटक बाड़ी है, और बाड़ी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन(बिहान) की महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं तथा ग्रामीण परिवेश की महिलाएं बाड़ी के माध्यम से मौसमी सब्जियों का उत्पादन कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है। वहीं कलेक्टर विजय दयाराम के. के मार्गदर्शन व जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीता यादव के निर्देशन में गौठानों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूहों को मल्टीएक्टिविटी तहत् अन्य गतिविधियों से जोड़कर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है।
गौठानों को आजीविका का केन्द्र बनाने में स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अहम भूमिका निभायी है तथा गौठानों में मल्टीएक्टिविटी के तहत् मुर्गी पालन, मत्स्य पालन जैसे गतिविधियां संचालित हो रही हैं। विकासखण्ड राजपुर के ग्राम धन्धापुर गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाएं सामुदायिक बाड़ी में मौसमी सब्जियों का उत्पादन कर आय प्राप्त कर रही है। गौठान से जुड़ी तुलसी स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सामुदायिक बाड़ी में जैविक विधि से वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करते हुए सामुदायिक बाड़ी से 104 किग्रा परवल, 220 किग्रा मिर्च तथा 95 किग्रा लौकी का उत्पादन किया, परवल से उन्हें 2 हजार 600, मिर्ची से 13 हजार 200 तथा लौकी से 1 हजार 25 रूपये का लाभ हुआ। इसी प्रकार गौठान में मुर्गी पालन भी किया जा रहा है, आकाश स्व-सहायता समूह की महिलाओं को पशुधन विकास विभाग द्वारा 200 नग कड़कनाथ का चुजा दिया गया था, जिसकी लागत 23 हजार रूपये थी, तथा मुर्गी पालन कर स्थानीय बाजार में विक्रय कर खर्चा काटकर 30 हजार रूपये का आर्थिक लाभ हुआ।