अंबिकापुर: राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वनस्पतिशास्त्र विभाग में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई।पर्यावरण के मुख्य घटक जैविक एवं भौतिक होते हैं। इन्हीं घटक तत्वों के कारण प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता पृथ्वी पर पाई जाती है। प्रारंभिक काल से लेकर आज तक प्राकृतिक संसाधनों की दोहन से ही मानव का विकास आज चरम अवस्था पर पहुंची है।

पृथ्वी पर उपलब्ध जैविक घटकों के अत्यधिक शोषण एवं भौतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन ने संरक्षण की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए मानव को मजबूर होना पड़ा है । महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग में आयोजित कार्यशाला में प्राचार्य डॉ रिजवान उल्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उक्त आशय पर विचार रखें।
उन्होंने यह भी कहा की जैविक संसाधनों के दोहन से जैव विविधता का जो भंडार पृथ्वी पर उपलब्ध है उसका निरंतर विनाश होता जा रहा है।

विषय विशेषज्ञ एवं भूगोल विभाग के प्राध्यापक डॉ अनिल सिन्हा ने कहा भारत सहित विश्व की बढ़ती आबादी ने जीव जगत का गौरव प्राप्त इस पृथ्वी के अस्तित्व को ही चुनौती देने की स्थिति में है। संसाधनों के संरक्षण के लिए सतत विकास की अवधारणा वर्तमान परिपेक्ष में बेहद प्रासंगिक है। वर्तमान में वन, मिट्टी जल एवं वायु की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है इससे मानव जीवन भी संकटग्रस्त हो गया है।
भूगोल विभाग की प्राध्यापिका दीपिका स्वर्णकार ने भी मानव प्रकृति के संबंधों पर आधारित निश्चयवाद, संभववाद एवं नव निश्चयवाद की अवधारणा का विश्लेषण करते हुए मानव और प्रकृति के संवेदनशील संबंधों को अनेक अनेकानेक उदाहरणों के साथ प्रस्तुत किया।

वनस्पति विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर एच डी महार ने संसाधनों के संरक्षण के लिए मानव की सोच और उसके कार्य व्यवहार को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने पर्यावरण, पारिस्थितिकी एवं संरक्षण के सिद्धांतों के आधार पर जैव विविधता,जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापमान वृद्धि, को विस्तृत में विश्लेषित किया।

इस अवसर पर एमएससी प्रथम सेमेस्टर की अमिता सिंह रश्मि सिंह तथा तृतीय सेमेस्टर की श्रुति शर्मा द्वारा प्रस्तुत पोस्टर प्रस्तुतीकरण को प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्रदान किया गया ।इस अवसर पर विभाग के प्रो. अनुजा कुजूर डॉक्टर शिल्पा तिवारी प्रो.आशीष मिश्रा के साथ-साथ विभाग के प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन आशीष मिश्रा द्वारा किया गया।

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