आशीष कुमार गुप्ता
बतौली/ सेदम: सरगुजा के शासकीय महाविद्यालय-बतौली में विश्व हिंदी दिवस पर “वैश्विक भाषा के रूप में हिंदी की विकास यात्रा” शीर्षक पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें स्नातक में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने सहभागिता किया।

महाविद्यालय में हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी ने व्याख्यान देते हुए कहा कि हिंदी विश्व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। विश्व के दो सौ से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी के पठन-पाठन के लिए अनेकों पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है। भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, नेपाल, बंग्लादेश, वर्मा, भूटान एवं अफगानिस्तान के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, मॉरीशस, त्रिनिनाद, कनाडा, फिजी एवं दक्षिण अफ्रीका सहित अनेक देशों में व्यापक मात्रा में हिंदी का उपयोग संपर्क भाषा के रूप में किया जाता है। विश्व के अनेक देशों में रहने वाले भारतीय हिंदी का उपयोग संपर्क भाषा के रूप में बहुतायत रूप में करते हैैं।

कार्यशाला में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रो. सूर्यवंशी ने कहा कि इस वर्ष विश्व हिंदी दिवस का विषय “हिंदी-पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जोड़ना” है जिसके अनुसार वर्तमान युग में इंटरनेट एवं विभिन्न वेबसाइटों पर हिंदी के आलेख पढ़ने के लिए अब पर्याप्त मात्रा में सामग्रियां उपलब्ध है। हिंदी भाषा का उपयोग बड़ी मात्रा में फिल्मों के संवाद लेखन और विज्ञापन के साथ हिंदी में लिखित कई विधाओं की कृतियों का अनुवाद विश्व के अनेक भाषाओं में किया जा रहा है। इस तरह अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी का उत्तरोत्तर विकास हो रहा है। विश्व के अनेक देशों में रेडियो से हिंदी भाषा के कार्यक्रम निरंतर संचालित किए जा रहे हैं।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो. बी.आर. भगत के मार्गदर्शन में संपन्न कार्यशाला के आयोजन में प्रो. तारा सिंह, बलराम चंद्राकर, प्रो. जिवियन खेस, सुभागी भगत, मधुलिका तिग्गा,सुमित्रा गिरि एवं शिल्पी एक्का का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्व हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, दूतावासों एवं कार्यालयों में किया जाता है जिसमें गोष्ठी, कार्यशाला, निबंध प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता जैसे अन्य कार्यक्रम सम्मिलित हैं।

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