सूरजपुर: जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी लीना कोसम ने जिला पंचायत सभाकक्ष में जनपद सीईओ, जनपद पीओ, एसबीएम बीसी, सीसी, पीएमवाय ब्लॉक टीम तथा बीपीएम की समीक्षा बैठक ली।
बैठक में जिला सीईओ ने एसबीएम अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत व्यक्तिगत कम्पोस्ट पिट, नाडे, वर्मी 6280, व्यक्ति सोक पिट, लीच पिट 2980 मनरेगा से स्वीकृति हेतु निर्देशित। सामुदायिक डस्टबिन 3140 15 वां वित्त से खरीदी हेतु। स्वच्छ भारत मिशन और 15 वां वित्त अभिसरण से स्वीकृत सामुदायिक सोक पिट 1490 और सामुदायिक नाडेप 1600, समय सीमा में पूर्ण किये जाने निर्देशित किया। व्यक्तिगत शौचालय लक्ष्य 3000 में से स्वीकृत 1261 को जल्द पूर्ण करने एवं 1739 शेष लक्ष्य 1 सप्ताह में स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजने कहा। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 3 ग्राम पंचायतों में जल्द कार्य प्रारम्भ किये जाने तथा वर्ष 2023-24 के स्वीकृत 86 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र जल्द पूर्ण करने निर्देशित करते हुए समस्त शेष कार्य का मूल्यांकन पूर्ण कर पूर्णता प्रमाण पत्र जमा करने निर्देश दिये। उन्होंने किये गये कार्यों को प्राथमिकता के साथ ऑनलाइन एन्ट्री करने कहा।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत सीईओ द्वारा समीक्षा करते हुए कहा गया कि वर्तमान में आवास योजना शासन की प्राथमिकता में है। जिले में 12322 आवास पूर्णता के लिए लंबित है। जिसमें से जितनों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय किस्त प्राप्त है, उनका जल्द अगले स्तर का टैगिंग करते हुए, आवास पूर्ण किया जाना है। सीईओ ने जनपदवार आवास पूर्णता हेतु द्वारा 02 अक्टूबर 2023 तक के लिए लक्ष्य दिया गया है जिसमें भैयाथान को 976, ओड़गी 904, प्रतापपुर 73, प्रेमनगर 692, रामानुजनगर 802 और सूरजपुर 808 है। इस प्रकार कुल 4255 आवास पूर्ण किया जाना है। वर्तमान में राज्य का आवास पूर्णता का औसत 74 प्रतिशत है जबकि जिले का केवल 67 प्रतिशत है। सभी को विशेष ध्यान देने हेतु निर्देशित किया गया है।
जिला पंचायत सीईओ ने गौठानों में अधूरे कार्य को पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि रीपा मुख्यमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है। इस योजना की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव हर 15 दिवस में करते है। गौठानों में रीपा के जितने वर्किंग शेड बने हैं वे गुणवक्तापूर्ण बने। जिसमें उत्पादन विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अभी बरसात का समय है इसलिए किसी रीपा केंद्र के वर्किंग शेड में पानी की सिपेज की शिकायत नहीं आनी चाहिए। जिले का हर रीपा केन्द्र साफ-सुथरा और स्वच्छ दिखना चाहिए। यह समस्त जनपद सीईओ की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही बीपीएम रीपा के कार्यों स्वामित्व की भावना से करें। जिससे रीपा में उत्पादन क्षमता बढ़ाकर लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके। रीपा के सभी गौठानों में व्यक्तिगत गतिविधियों से जोड़कर महिला एवं पुरूष का अनुपात 50-50 कर, उत्पादन बढ़ाते हुए विक्रय के लिए मार्केट लिंकेज करने के निर्देश दिये। रीपा में उत्पादित गोबर पेंट को शासकीय भवनों के अलावा सामान्य बाजार में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। एनआरएलएम अन्तर्गत महिला स्व सहायता समूह की प्रगति समीक्षा कर शत् प्रतिशत परिवारों को विशेषकर पीएमवाय हितग्राहियों के परिवारों को 15 अगस्त तक शत् प्रतिशत जोड़ने कहा। उन्होंने प्रोजेक्ट उन्नती के हितग्राहियों को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से प्रशिक्षण कराये जाने हेतु निर्देशित दिये।
इस दौरान जनपद सीईओ राजेश सिंह सेंगर, रनवीर साय, विनोद, पारस पैकरा, जनपद पीओ, एसबीएम बीसी, सीसी, पीएमवाय ब्लॉक टीम तथा बीपीएम सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।